Sunday, 9 September 2018

बेटी( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),



 बेटी
घर आंगन में दौड़ के आती है बेटी
 मात- पिता को सदा लुभाती है बेटी
थक कर जब आते हैं पापा घर अपने
हँस के उनका ताप मिटाती है बेटी
बीमार अगर माँ हो जाती कभी-कभी
शीघ्र चिकित्सालय ले जाती है बेटी
जन्म दिवस बेटी को सबके याद रहे
चुपके से घर-भर को खूब सजाती है बेटी
सबके दुख-सुख लगते उसको अपने से
हर दम दुख में धीर बँधाती है बेटी
भाई भाभी सबसे दिल से प्यार करें
नखरे अपने नहीं दिखाती है बेटी
मात पिता का जी अनमोल खजाना है
याद सदा रह-रहकर आती है बेटी
दूर चली जाए तो सूना घर लगता
माता-पिता को भूल पाती है बेटी

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