हिन्दी पर अभिमान कीजिए
भारत में रहने वालों हिंदी पर अभिमान कीजिए
अपनी भाषा बोली पर इस जीवन को बलिदान कीजिए
साल में केवल इक दिन लोगों क्यों करते हिंदी को याद
खामोशी से तड़प रही है करती है हिंदी फरियाद
हर पल हर दिन तुम हिंदी का लगातार सम्मान कीजिए
अपनी भाषा बोली पर इस जीवन को बलिदान कीजिए
जब हो धरा गगन की बातें भूलो मत चंदा तारे
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई आपस में भाई सारे
मानव होने पर इस तन पर थोड़ा तो अभिमान कीजिए
अपनी भाषा बोली पर इस जीवन को बलिदान कीजिए
अज्ञानी को ज्ञान बांटते यह हिंदी की बिंदी है
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक ये अपनी प्यारी हिंदी है
हिंदुस्तान को हिंदी से लोगों अब तो धनवान कीजिए
अपनी भाषा बोली पर इस जीवन को बलिदान कीजिए
संस्कृत उर्दू पाली प्राकृत से अपनी पहचान करो
अंग्रेजी को भूल जाओ पर हिंदी पर अभिमान करो
हिंदी को अपनाकर तुम खुद पर भी स्वाभिमान कीजिए
अपनी भाषा बोली पर इस जीवन को बलिदान कीजिए
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Friday, 14 September 2018
गीत "हिंदी पर अभिमान कीजिए " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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