Friday, 28 September 2018
बाल कविता " चौमासा" ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
बाल कविता " चौमासा"
आसमान
से
बूंद
आई
धरती
पर
हरियाली
छाई
गरज
रहे
हैं
बरस
रहे
हैं
उमड़
-
घुमड़
कर
लरज
रहे
हैं
हर्षल
विपुल
दौड़
कर
आए
बारिश
में
वह
खूब
नहाये
इंद्रधनुष
नभ
में
उग
आया
जिसने
सबका
मन
भरमाया
स्वाति
युगल
बाहर
को
आए
देख
नजारा
वो
हर्षाए
मौसम
का
है
अजब
नजारा
चौमासा
लगता
है
प्यारा
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