जीवन भर करते रहो, गुरुओं से संवाद।
अध्यापक दिन पर करें, हम गुरुओं को याद।।
द्वापर युग में हुए थे, शिक्षक द्रोणाचार्य।
राजकुमारों के लिए, किया उन्होंने कार्य।।
अध्यापक जब साथ हो, हो जाती है जीत।
मन में होनी चाहिए ,एकलव्य सी प्रीत ।।
चेलों के देता सदा, ज्ञान चक्षु को खोल ।
सतगुरु की बातें बहुत, होती है अनमोल।।
देता है जो जगत को, निशदिन निर्मल ज्ञान ।
पूजनीय होता गुरू ,जग मैं बहुत महान।।
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