कैसे बाहर आ गए, दिखते नहीं सबूत।।
रंग तेरा है सावला, चेहरा गोल मटोल ।
लट घुंघराले बाल है, तुतले तुतले बोल।।
लेते हैं कान्हा सदा, बाल रूप अवतार ।
देती है सब नारियां, कान्हा जी को प्यार।।
साथ सखा के खेलते, सभी बाल गोपाल ।
अपना बेगाना सदा ,समझे सब की चाल।।
श्री कृष्ण सब को सदा, लगते हैं अनमोल।
छम छम छम छम कर रहे, पायल के ये बोल ।।
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