Monday, 3 September 2018
कान्हा ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),
कान्हा
मेरा
कान्हा
मेरा
जग
से
न्यारा
ये
है
सबकी
आंख
का
तारा
मनाते
जन्मदिवस
सब
मिलकर
माखन
मिश्री
खाते
हंसकर
संग
तेरे
हैं
दही
की
प्याली
तेरी
हर
एक
अदा
निराली
तू
है
नन्हा
माखन
चोर
करता
सब
को
भावविभोर
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