Thursday, 6 September 2018

राधे की परछाई ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


राधे की परछाई 
डूबने को दिल है मेरा तेरे प्यार में
 इसमें तू बता दे कि कितनी सच्चाई है

 देख लूँ  मैं ख्वाब में तुझ को करीब से
 नैनों ने अब तो नींद की महफिल सजाई है

 तू साथ है तो साथ में सारा जहान है
तेरे बिना भी इस जहां में क्या कमाई है

दुख ढो के मेरा है खुश भी आज दिल
हमने नए रिवाज की रस्में निभाई है

 तू है मुझ में ,मैं हूँ  तुझ में सब यह कह रहे हैं


रोशनी के साथ में राधे की परछाई है

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