निर्भया
निर्भया के साथ जो कुछ था हुआ
उसने तो पूरी धरा को था छुआ
रात का अंधियार अब भी बोलता है
ईमान निशा काल में क्यों डोलता है
कर ले तू जप तप और करले ध्यान तू
नहीं पायेगा जीवन में यह तब व्यवधान तू
पर नारि को सदा अपने माँ ही जान
बहिना , पुत्री और उसको देवी ही मान
रंग लाएगी यह तेरी सोच भी
आएगी तुझ पर ना कोई खरोच भी
सोच ले पहले कदम फिर तू बढा
मनुज है मत दैत्य को खुद पर चढा
कह रही राधे अभी इत्मीनाम से
गुजरेगा अभी तो तू कितने इम्तिहान है |
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