फसल धान की
फसल धान की मन को भाई
मनभावन सर्दी अब आई
हरी हरी है सभी दिशाएं
लहर लहर फसलें लहराई
ढके बर्फ से पर्वत सारे
लगते देखो कितने प्यारे
बादल में अब सूर्य छिप गया
शीतल मंद चली पुरवाई
मनभावन सर्दी अब आई
रातें लंबी खूब हो रही
राधे सुख से आज सो रही
शीतलता सबके मन भाई
मनभावन सर्दी अब आई
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