विषय - मकर संक्रांति
विधा - चौपाई छन्द
मकर सक्रांति पर्व है आया
उत्तरांचल पूरा हर्षाया
काले काले कौए आजा
मीठे मीठे घुघुते खाजा।।1।।
काँप रही सर्दी से काया
मुन्ना कोट पहन के आया
खालो गरम गरम घुघुते तुम
पर्व दिवस मत बैठो गुमसुम।।2।।
नानी ने उसको बतलाया
उसके मन का उसे दिलाया
तिल गुड़ को जो भी खाएगा
सर्दी से वो बच पाएगा ।।3।।
पतंग उड़ाओ मुन्ने राजा
आकर के मिष्ठान तो खा जा
लगा हुआ है देखो मेला
बच्चों का है रेला पेला।।4।।
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Wednesday 15 January 2020
चौपाई छन्द , " मकर संक्रांति "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
Friday 10 January 2020
Thursday 9 January 2020
Wednesday 8 January 2020
गीत, जग का अंदाज " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
जग का अंदाज
धरा नभ की आवाज़ क्या जाने चकोरी के नए अंदाज चांद क्या जाने देखकर चंदा को रातों में कितना उसको है नाज़ क्या जाने रोज रात में यूं छिप छिप कर एक टक देखती है चंदा को चांद इजहार कर रहा खुलकर निराला है आगाज क्या जाने जुगनूओं बीच में ना जाओ तुम चकोरी को नहीं लुभाओ तुम तारों की तरह तुम चमक नहीं सकते राधे जग का अंदाज क्या जाने |
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