साड़ी
सुन्दर दीजिए ,पत्नी को उपहार।
बदले
में उससे मिले, उनका प्यार
अपार।।
खीरे
मूली आ गए, करने बहुत
धमाल।
सबजी
में सबसे अधिक, बिकें टमाटर लाल।।
माना
आलू प्याज से, भरा हुआ
बाजार।
लेकिन
कच्चे आम का, खाते सभी
अचार।।
हरी
मिर्च धनिया हरा, इमली को लो साथ।
चटनी
तभी बनाइये, जब खाली
हो हाथ।।
गंगा
फल चाहे कहो, लेकिन कद्दू
नाम।
कच्चा-पक्का
हर समय, आ जाता है काम।।
समझ
करेले को दवा, खा
लो आंखें मीच।
तन
से ये इंसान के, मधुमेह
ले खींच।।
छोटी सी दूकान पर, मिलता
सभी सामान।
लोगों
को ठगना नहीं, राधे का
अरमान।।
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Monday, 18 June 2018
दोहे "राधे का अरमान" (राधातिवारी "राधेगोपाल")
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