Sunday, 10 June 2018

दोहे "रखना कभी न खोट" (राधा तिवारी " राधेगोपाल ")

रखना कभी न खोट
 लिखती हूं तुम पर सदा, दोहे गजलें गीत ।
आकर के वाचन करो ,ओ मेरे मनमीत ।।
प्रियतम तुमसे है सदा ,मेरा यह सिंगार ।
साथ तेरा मुझको लगे ,जीवन का आधार ।।
 
 साजन सजनी से कहे, आ जाओ तुम पास l
 तुम बिन तो जीवन मुझे, लगता बहुत उदास ll
 पति पत्नी के बीच में, होती जब तकरार l
सुलह.सफाई का सदा ,बातचीत आधार ll
 धनबल जनबल से सदा, मिल जाते हैं वोट।
 अपने मन में मित्र तुम , रखना कभी न खोट।।


No comments:

Post a Comment