योग दिवस पर दोहे
योग दिवस है विश्व का, मित्रों चैथा आज।
सभी लोग को कर रहे, इसको बना रिवाज।।
जिससे सारे दुख घटे ,सुख का होता योग।
वह पल है आनंद का, जिसमें रहे निरोग।।
योग साधना कर रहा, सारा हिंदुस्तान।
योगी संतो से बनी, भारत की पहचान।।
धन दौलत के मोह में, मत पड़ना इंसान ।
अपना तन ही साथ दें ,व्यर्थ शेष तू जान।।
साफ नहीं अपनी ध्रा, स्वच्छ नहीं परिवेश।
ऐसे में कैसे मिले जीवन का संदेश।।
सुख की चाहत हो अगर ,करो नियम से योÛ।।
निंदिया है जिसने तजी, रहता वही निरोग।।
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Thursday, 21 June 2018
योग दिवस पर दोहे (राधा तिवारी " राधेगोपाल ")
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