मॉल
लूट रहे हैं आज तो, बड़े शहर के मॉल l
बिकते महंगे दाम में, घटिया घटिया शॉल ll
बड़े शहर के मॉल तो, काट रहे हैं जेब l
मिलती महंगे दाम में , नकली सब पाजेब ll
कवि लिखता है गीत को, शायर लिखता शेर l
परिवारीजन देखकर, आंखें रहे तरेर ll
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