Friday, 8 June 2018

बच्चों की मुस्कान (राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


बच्चों की मुस्कान
ईश्वर को मैंने देखा है बच्चों की मुस्कान में l
 देखा है सुख सागर में और देखा उसे उड़ान में ll

 आसमान की दूरी देखी सूरज चंदा तारों में l
 हवा के झोंके खुशिया देते आकर मुझे बहारों में ll
 परेशान होते हैं पंछी बारिश और तूफान में  l
ईश्वर को मैंने देखा है बच्चों की मुस्कान ll

मंदिर और शिवालय में तो ईश्वर मुझको दिखते हैं l
चित्रों में छपते हैं फिर रूपयों में वो बिकते हैं ll
 काश हमें दिख जाते ईश्वर धरती के इंसान में l
 ईश्वर को मैंने देखा है बच्चों की मुस्कान में ll

 गंगा जी का रूप सलोना दिखता हमको नदियों में l
 सतयुग लौट के आएगा अब जाने कितनी सदियों में ll
 ईश्वर पल पल हाजिर होते राधे के अरमान में l
 ईश्वर को मैंने देखा है बच्चों की मुस्कान में ll









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