भरा हुआ बाजार
खीरे मूली आ गए, करने बहुत धमाल।
सब्जी में सबसे अधिक, बिकें टमाटर लाल।।
माना आलू प्याज से, भरा हुआ बाजार।
लेकिन कच्चे आम का, खाते सभी अचार।।
हरी मिर्च धनिया हरा, इमली को लो साथ।
चटनी तभी बनाइये, जब खाली हो हाथ।।
गंगा फल चाहे कहो, लेकिन कद्दू नाम।
कच्चा-पक्का हर समय, आ जाता है काम।।
समझ करेले को दवा, खा लो आंखें मीच।
तन से ये इंसान के, मधुमेह ले खींच।।
छोटी है दूकान पर, मिलता सभी सामान।
लोगों को ठगना नहीं, राधे का अरमान।।
छोटी सी छतरी यहाँ, देती गरमी रोक।
धूप और बरसात को, देती है यह टोंक।।
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Tuesday, 5 June 2018
दोहे" भरा हुआ बाजार " (राधातिवारी "राधेगोपाल")
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