बच्चों को होती सदा, अपनी माँ से
आस।
करें अहोई अष्ठमी का, मिलकर उपवास।।
करते राधा कुंड में, कई भक्त स्नान।
जिससे मिलती है उन्हें, प्यारी सी
संतान।।
पति-पत्नी इसमें करें, मिलकर के स्नान।
पुत्र रत्न का दे रही, राधा जग को दान।।
मात-पिता की बात को, कभी न देना टाल।
उनसे ही परिवार का, रहता अच्छा हाल।।
मात-पिता के सत वचन, सुनना देकर
ध्यान।
उनको तो तुम पूजना, जग मे देव समान।।
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