लाल बहादुर शास्त्री
सदा सादगी से रहे ,पूरे जीवनकाल।
लाल बहादुर का रहा, जीवन बड़ा कमाल।।
सत्याग्रह कितने किए, करने देश आजाद।
ऐसे मानव को सदा, सब करते हैं याद।।
अंग्रेजों को देश से, बाहर दिया निकाल।
बिना शस्त्र के कर दिया, तुमने बहुत कमाल ।।
बाल्यकाल में हट गया, पिता का उनसे साथ।
मात दुलारी ने रखा, उनके सिर पर हाथ।।
मिर्जापुर में था लिया, जिसने विद्याज्ञान।
विवाह ललिता से हुआ, सात हुई संतान।।
गए देश हित में सदा, बहुत बार ये जेल।
अंग्रेजों की आप तो, गए यातना झेल।।
बागडोर इस देश की, ले ली अपने हाथ।
आगे किसी दबाव के, नहीं झुकाया माथ।।
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Saturday, 6 October 2018
दोहे " लाल बहादुर शास्त्री "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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