Friday 26 October 2018

मुक्तक गीत" संतों की वाणी "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


 मुक्तक गीत
संतों की वाणी 
Image result for संत
 भरी महफिल में बैठोगे तो महफिल रास आएगी
 कदम जब भी बढ़ाओगे तो मंजिल पास आएगी

पहाड़ों से निकलकर नीर खुद ही राह बनाता है
 उसे जो मिल गया साथी उसे संग में ले जाता है
 बहे मैदान में वो साथ लेकर के कई पत्थर
बहेगा नीर जंगल से तो औषध साथ आएगी
 कदम जब भी बढाओगे तो मंज़िल पास आएगी

 सुना है संत जन करते सदा ही धर्म की रक्षा
ज़माने को सिखाते हैं वही तो वेद की शिक्षा
 करो तन मन धन से तुम सदा ही संत की सेवा
 इन्हीं संतों की वाणी तो यहाँ  गंगा बहाएगी
 कदम जब भी बढ़ आओगे तो मंजिल पास आएगी

No comments:

Post a Comment