Friday, 5 October 2018

दोहे " खेल सबौरा में हुए" ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )



 खेल सबौरा में हुए

 खेल सबौरा में हुएआए कितने छात्र 
पुरस्कार उनको मिलेजो है उस के पात्र।।

दुनिया में सबसे बड़ाहोता है व्यवहार 
बच्चों तुम करना नहींआपस में तकरार ।।

खेल यहां पर हैं सदा ,जीवन का आधार 
बच्चों के संग आज तोदौड़ रहा संसार।।

 जब भी खेलो खेल तुमइतना रखना ध्यान।
प्रतिभागी जितने यहाँ , सबका रखना मान ।।

इधर उधर है दौड़तेबाल और गोपाल।
 खेलकूद में चल रहेमिला मिला कर ताल।।

होती है दो तरह कीउची लंबी जंप 
करतब ऐसे देख करमन हो जाता कम्प।।

बच्चों जल्दी मत करोलग जाएगी चोट।


 इलाज में लग जायगें , मात- पिता के नोट ।।

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