अच्छे कामो को करो, हो जाएगा नाम।।
मेरी बाधाएं हरो, हे मेरे नंदलाल।
तुम हो जग के सांवरे, राधा के गोपाल ।।
माता कहलाती सदा, बच्चों की आचार्य।
बच्चों के हित के लिए ,करती सारे कार्य।।
इस जग में करना सभी, आपस में तो प्यार ।
दुश्मन छोटा या बड़ा ,होता है खूंखार।।
जीवन मृत्यु हाथ में,तेरे है भगवान ।
सुख से यह जीवन कटे, है मेरा अरमान।।
कीट पतंगों को कभी, करना मत हलकान ।
उनको भी तो धरा का ,एक जीव तू जान ।।
जाने वाले को नहीं, होती कोई चाह।
गिरते पत्तों को सभी, दे देते हैं राह।।
गिर जाते हैं पेड़ वो, जो होते हैं सख्त।
प्रजातंत्र में प्रजा ही ,ले लेती है तख्त।।
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Sunday, 21 October 2018
दोहे "जीवन मृत्यु हाथ में,तेरे है भगवान "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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