Sunday, 14 October 2018

दोहे "होना नहीं उदास" (राधा तिवारी "राधेगोपाल")

 ताकत देता है सदा, बच्चों को ग्लूकोस
ताकत ही भरती सदा, है बच्चों में जोश।।

आना होगा समय से, छात्रों को इस्कूल।
 मन में लाओ न भावनाकोई ऊल-जलूल।।

 खेल खेलने से बढ़ेसदा परस्पर प्रीत। 
मेहनत करने से सदा, मिल जाती है जीत।।

 पुस्तक पढ़ने से मिले, सब लोगों को ज्ञान
विद्यालय में दूर हो, जाता है अज्ञान।।

 खेल खेलने के लिए, सब जाओ पास।
 निर्णायक कहते यही, होना नहीं उदास।।

कौशल दिखलाते यहाँ, हो सर्दी या धूप
सभी खिलाड़ी ढालते, खेलों के अनुरूप।।

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