ताकत देता है सदा, बच्चों को ग्लूकोस ।
ताकत ही भरती सदा, है बच्चों में जोश।।
आना होगा समय से, छात्रों को इस्कूल।
मन में लाओ न भावना, कोई ऊल-जलूल।।
खेल खेलने से बढ़े, सदा परस्पर प्रीत।
मेहनत करने से सदा, मिल जाती है जीत।।
पुस्तक पढ़ने से मिले, सब लोगों को ज्ञान ।
विद्यालय में
दूर हो, जाता है अज्ञान।।
खेल खेलने के लिए, सब आ जाओ पास।
निर्णायक कहते यही, होना नहीं उदास।।
कौशल दिखलाते यहाँ, हो सर्दी या धूप ।
सभी खिलाड़ी ढालते, खेलों के अनुरूप।।
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Sunday, 14 October 2018
दोहे "होना नहीं उदास" (राधा तिवारी "राधेगोपाल")
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