Saturday, 13 October 2018

दोहे "जीवन से अनुबन्ध" (राधा तिवारी 'राधेगोपाल')

छोड़ा सिय के साथ कोसुन मूरख की बात।
सीता को होगा लगा, तब कितना आघात।।

मनुज आज तो कर रहाजीवन से अनुबन्ध।
नून-मिर्चगुड़ से हुआभंग आज सम्बन्ध।।

मधुमेह के रोग  काक्या होगा उपचार।
मत लोगों को दीजिएअब मीठा उपहार।।

नेता खाली कर रहेखुद सरकारी कोष।
लेकिन सजा भुगत रहेअब भोले निर्दोष।।

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