छोड़ा सिय के साथ को, सुन मूरख की बात।
सीता को होगा लगा, तब कितना आघात।।
मनुज आज तो कर रहा, जीवन से अनुबन्ध।
नून-मिर्च, गुड़ से हुआ, भंग आज सम्बन्ध।।
मधुमेह के रोग का, क्या होगा उपचार।
मत लोगों को दीजिए, अब मीठा उपहार।।
नेता खाली कर रहे, खुद सरकारी कोष।
लेकिन सजा भुगत रहे, अब भोले निर्दोष।।
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