क्रोध कभी मत कीजिए, करना सबसे प्यार।।
सूरज बिन अच्छा नहीं, लगता है आकाश।
चंदा सूरज जगत को, देते हैं प्रकाश ।।
मन बहलाने के लिए ,अब है साधन ढेर।
देर भले ही है यहाँ , पर नहीं है अंधेर।।
काम क्रोध मद लोभ से, रहना हरदम दूर।
इनका करके त्याग तुम, योग करो भरपूर।।
गुरुदेव की बात को, मत जाना तुम भूल।
इनकी मीठी बात से ,हटे राह के शूल।।
जीवन जीने के लिए, सबसे करना प्यार।
प्यार नहीं है वासना ,यह तो है उपहार।।
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Wednesday, 3 October 2018
दोहे " गुरुदेवकी बात को " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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