राखी का त्यौहार
राखी के त्योहार से करती, हरदम बहना प्यार
भाई से उसका है जीवन ,भाई से संसार
रक्षा डोर को बांध के बहना, करती है मनुहार
बन के रहना भैया मेरे, जीवन का आधार
मां की ममता होती इसमें, और पिता का प्यार
भाई से करती है बहना ,हरदम प्यार अपार
जब मन होगा चली आऊंगी, कर सोलह श्रृंगार
मेरे प्यारे भैया हरदम,खोल के रखना द्वार
जब भी कोई विपदा आए,तुम जल्दी आ जाना
मात पिता के बाद में मैंने, तुमको अपना माना
दीर्घ आयु हो हर भाई की, राधे करे पुकार
|
-
No comments:
Post a Comment