अटल जी को
श्रद्धांजलि
अटल हमारे बीच से, चले गए सुखधाम।
पर धरती पर रह गए, उनके सारे काम।।
कभी दिखाया क्रोध था, कभी प्यार मनुहार।
दुनिया में रहता सदा, मधुर मृदुल व्यवहार।।
स्मृति स्थल पर हो रही, उनकी जय जयकार।
सब आंखों से बह रहा, आंसू बनकर धार।।
फूलों से तो ढक गया, माटी का यह देह।
माटी में मिल जाएगा, उनका पावन गेह।।
अंतिम दर्शन के लिए, उमड़ रहे हैं लोग।
वह उतना जीता यहां, जितना लिक्खा भोग।।
अटल तुम्हारे राज में, मिला सभी को नीड़।
सड़कों के निर्माण से, चली गांव को भीड़।।
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