लौट के
वापस घर को
आना अच्छा लगता
है ।।
पढ़ लिखकर के काम करेंगे होती सबकी ख्वाहिश ।
मिल जाता जब मीत पुराना अच्छा लगता है ।।
नए दौर में कदम बढ़ाना होती है सबकी चाहत।
पर फैशन
तो वही पुराना
अच्छा लगता है।।
मतभेदों ने दूर
कर दिए मात-पिता से
बच्चे।
पर आपस
में प्रीत निभाना
अच्छा लगता है
।।
वैलेंटाइन और दोस्त दिवस तो आज सभी मनाते ।
हमको तो त्यौहार पुराना अच्छा लगता है।।
नकली फूलों
के गुलदस्ते घर
में सभी सजाते।
बगिया में फूलों
का खिलना अच्छा
लगता है।।
राधे कहती
हंसते गाते इस
जीवन को जी
लो।
हमको तो
खुशहाल जमाना अच्छा लगता
है।।
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Wednesday, 8 August 2018
" बगिया में फूलों का खिलना "(राधा तिवारी" राधेगोपाल ")
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