रक्षाबंधन
भाई बहन का प्यार तो, होता है अनमोल ।
निश्चल प्यार दुलार को, दौलत से मत तोल।।
यह धागे हैं कीमती, मत समझो कमजोर।
इस नैसर्गिक प्यार पर, चले ना कोई जोर ।।
सुबह सवेरे आ गई ,ले पूजा का थाल ।
कुमकुम रोली से करें ,तिलक अनुज के भाल। ।
भाई की कर आरती, खिला रही मिष्ठान।
बहने अपने भाई पर, करती है अभिमान।।
भाई दिल से दे रहे, बहना को आशीष।
बड़े प्यार से दे रहे ,बहना को बख्शीश।।
मन कुसुमित होने लगा, देख बहन को पास।
अपने भाई से करें, बहना हरदम आस।।
हिंदू मुस्लिम सभी का, है पावन त्योहार ।
बहनों के आगमन से ,घर होता गुलजार ।।
राखी के इस दिवस पर, सूना रहे न हाथ।
जीवन भर चलता रहे, भाई बहन का सा
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