Monday, 13 August 2018

दोहे "सुहागिनों के है लिए, तीजों का त्योहार" ( राधा तिवारी " राधेगोपाल "),


सुहागिनों के है लिएतीजों का त्योहार
सुहागिनों के है लिएतीजों का त्योहार।
 करती सावन मास में ,महिलाएं श्रृंगार।।

 झूठ कपट निंदा नहींरखना अपने पास।
 साजन के तो प्रेम मेंरखना तुम विश्वास।।

 श्रावण शुक्ला तृतीयाको आता त्योहार।
 पति पत्नी  का प्रेम ही ,इसका है आधार।।

 पूरे विधि-विधान से ,पूजा करना आप।
 शिव गौरी के ध्यान सेमिट जाए संताप ।।

भंडारे घर-घर करोभक्तों को दो भोज।
 श्रद्धा से करना सभी ,घर में पूजा रोज ।।

एक साल के बाद मेंआती सावन तीज।
 दूर करो मन से सभीआपस की सब खीज।।

 शिवलिंग की पूजा करोमां को दो तुम मान।
 हलवा पूरी का करोलोगों को तुम दान।।

 सासू मां को दीजिएमां के जैसा मान।
 उनको दो श्रृंगार कातुम सारा सामान ।।

आदि देव का ध्यान करलड्डूवन का दो भोग।
 तन-मन के मिट जाएंगेतेरे सारे रोग।।

 शिव जी और गणेश काकर लेना तुम ध्यान।
 साजन की पूजा करोशिव जी उनको मान।।




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