यह सावन के मस्त नज़ारे
यह सावन के मस्त नज़ारे
मन्द कभी तो तेज फुहारें
नभ ऐसे वर्षा करता है
जैसे चलते हैं फव्वारे
चारों ओर बरसता झमझम
है सावन के मस्त नज़ारे
बारिश में भीगे हैं बच्चे
देखो लगते कितने प्यारे
पक्की छत भी टपक रही है
है सावन के अजब नजारे
सड़को पर दिखता सैलाब
लगता है जैसे तालाब
संभल के चलना मेरे प्यारे
बच्चे तो सबके न्यारे
यह सावन के मस्त नजारे
मंद कभी तो तेज फूहारे
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