Sunday, 12 August 2018

ग़ज़ल "जाने कैसे लोग" "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),

जाने कैसे लोग
जाने कैसे लोग यहाँ पर पत्थर दिल हो जाते हैं l
 जाने कैसे वह अपनी हर मंजिल को पा जाते हैं ll

 ठोकर देते हैं इंसान को हंसकर उन्हें गिराते हैं l
 अपनों को भी बहुत सताते नहीं पिघल वो जाते हैं ll

 बी मी पर जो उगता है उसको सदा दबाते हैं l
 जिन फूलों को खिलना होता वह तो खिल ही जाते हैं ll

 नदियों और समुंदर में हरदम अनगिन माणि होते  l
 गहरे पानी में जो जाता उनको मिल वो जाते हैं ll

 राधे कहती पत्थर दिल से भी अच्छा व्यवहार करो  l
पत्थर दिल  दिन बन  क के मोम पिघल वो जाते हैं ll

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