लाल इस वतन के, बलिदान हो रहे हैं ।
मिट्टी में दफन उनके ,एहसान हो रहे हैं ।।
फूलों का पथ न समझो, कांटों भरी डगर है ।
जो देश के लिए नित ,बलिदान हो रहे हैं ।।
यादों में रह गए हैं, मां बाप के सहारे ।
भारत के लाल कितने ,बलिदान हो रहे हैं ।।
बहनों ने बांधी राखी ,माँ ने तिलक लगाया ।
तन-मन लुटा के अपना ,बलिदान हो रहे हैं।।
तुम लाज को बचाते, इस देश की जवानों ।
टुकडे जिगर के लाखो, बलिदान हो रहे हैं ।।
थाली में दीप लेकर, राधे करेगी पूजा।
मर कर अमर रहेंगे , जो बलिदान हो रहे हैं।।
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