Wednesday, 23 May 2018

चले आए हो ( राधा तिवारी " राधेगोपाल ")




चले आए हो


चले आए हो तो बता कर तो आते।
 कभी हम सताते कभी तुम सताते।।

 दिलों की यह दूरी तो कम हो गई है ।
जमाने से हम प्यार को है छुपाते।।

 सपनों में तुम रोज आते रहे हो।
 कभी मेरी नजरों में आकर दिखाते।।

 इशारों इशारों में सब कह गए हो।
 तुम्हारे तो अल्फाज है याद आती।।

 धड़कन बढ़ मेरी तुम ने जब देखा।
 तुम्हें देख धड़कन को हम भी बढ़ाते।।

कभी हम सताते कभी तुम सताते 
 बताओ तो कैसे हम धड़कन घटाते 



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