Monday, 7 May 2018

मुहाल हो गए राधा तिवारी ' राधेगोपाल '



दुनिया के हाल देखके तंगहाल हो गए
इंसान आज मिलने मुहाल हो गए

देखती हूँ चमन में तो फूल बहुत हैं
फूल खुशबू वाले मिलने मुहाल हो गए

शैतानों के बीच में फंस गई हूँ में
दुःख में साथी मिलने मुहाल हो गये

छाया है आज चारों ओर तम देख लो
रौशनी के मंजर मिलने मुहाल हो गए

नकली हैं राम श्याम जमाने में आज तो
राधे को कृष्ण मिलने मुहाल हो गए



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