Monday, 8 July 2019

गजल, " प्रियतम तुम्हारा प्यार " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )



 प्रियतम तुम्हारा प्यार


आज फिर से आ गया वो शुभ घड़ी दिन बार है
और बढ़ता जा रहा प्रियतम तुम्हारा प्यार है

हाथ थामें चल रहे हो साथ मेरे हर घड़ी
साथ तेरा इस जन्म में जीने का आधार है

 दो थे हम फिर से बने आपस में हम तुम एक हैं
बाल बच्चों से ही तो बनता सदा परिवार है

शीश रखदूँ चरण में प्रियतम तुम्हीं ही तो ईश हो
साथ तो तेरा सदा ही स्वर्ग का ही द्वार है

आपसी बंधन हमारा और बाँधेगा हमें
सौ जन्म तक साथ हो राधा करे मनुहार है

5 comments:

  1. आप दोनों (राधा और गोपाल) को
    वैवाहिक वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (09-07-2019) को "जुमले और जमात" (चर्चा अंक- 3391) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. शुभकामनाएं। खुश रहें।

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  4. बधाई और शुभकामनाएं।

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  5. हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएं
    सादर

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