Wednesday, 3 July 2019

बाल कविता, " चिड़िया " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )




बाल कविता
 चिड़िया
मुझको तो अच्छी लगती है
 आंगन में जब आती चिड़िया
  करके ची ची करती है चिड़िया भी डाल पर झूला झूले कभी गगन में उड़ती है
 कभी उड़ान वो सीधा भर्ती चुपके से फिर मुड़ती है
 दाना चुगती है यह दिन भर आपस में यह लडती है
 मां मुझको एक बार बता दो कब यह चिड़िया पड़ती है

1 comment:

  1. बहुत ही सुन्दर आदरणीया
    सादर

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