Wednesday, 10 July 2019

दोहे . "होठों पर लाली रहे" (राधा तिवारी " राधेगोपाल ")

होठों पर लाली रहे
लोभ मोह के पाश में, नहीं बधेंगे राम
मन माया को छोड़ दे, बन जाएंगे काम ।।

 हंसता चेहरा देखके, हर्षित होते लोग
मन भी पुलकित हो रहा, मिटते सारे रोग ।।

मुखड़े की मुस्कान से,  बढ़ जाती है शान।
 अच्छे लोगों की यहाँ , होती यह पहचान।।

होठों पर लाली रहे, अधरों पर मुस्कान।
 राधे हरदम खुश रहे, कभी ना हो हलकान ।।

  ध्वजा तिरंगा है यहाँ , भारत की पहचान।
 चौबीस तीली कर रही, भारत का गुणगान।।

 कर लेना सत्कर्म को, मिल जाएंगे राम।
 अच्छे कर्मों से मिले, सबको अच्छा धाम ।।

कोलाहल से तो बढे, है मन का संताप।
 धीरज से सब कुछ मिले, कर लो पूजा जाप।।


No comments:

Post a Comment