Wednesday, 31 July 2019

बाल कविता , " खुशी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )



 खुशी 
चलो आज  मिलकर खेलेंगे
 खेल को खेल के जैसे
 खुशी  ये मिल नहीं सकती
 लूटा कर जेब के पैसे
आपस में मिलजुलकर
करना बच्चों सारे खेल
तकरार कभी भी मत करना
 आपस में रखना सबसे मेल
 शिक्षक जब कुछ भी समझाते
 सुनना रखकर ध्यान
 लेकर उनके आशीशों को
 जग में बनो महान



1 comment:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 1.8.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3414 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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