Wednesday, 14 August 2019

दोहे, " ध्वजा तिरंगा " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


ध्वजा तिरंगा
 हंसता चेहरा देखकेहर्षित होते लोग 
मन भी पुलकित हो रहामिटते सारे रोग ।।

मुखड़े की मुस्कान से,  बढ़ जाती है शान।
 अच्छे लोगों की यहाँ , होती यह पहचान।।

  ध्वजा तिरंगा है यहाँ , भारत की पहचान।
 चौबीस तीली कर रहीभारत का गुणगान।।

 कर लेना सत्कर्म कोमिल जाएंगे राम।
 अच्छे कर्मों से मिलेसबको अच्छा धाम ।।

कोलाहल से तो बढेहै मन का संताप।
 धीरज से सब कुछ मिलेकर लो पूजा जाप।।

होता है विश्वास हीजीवन का आधार 
 अपनों को ले साथ मेंपार करो मझधार।।

 लाठी डंडों से कभीनहीं बनेंगे काम।
 जीवो की रक्षा करो,पाजाओ आराम।।

1 comment:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 15.8.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3428 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

    ReplyDelete