ध्वजा तिरंगा
हंसता चेहरा देखके, हर्षित होते लोग ।
मन भी पुलकित हो रहा, मिटते सारे रोग ।।
मुखड़े की मुस्कान से, बढ़ जाती है शान।
अच्छे लोगों की यहाँ , होती यह पहचान।।
ध्वजा तिरंगा है यहाँ , भारत की पहचान।
चौबीस तीली कर रही, भारत का गुणगान।।
कर लेना सत्कर्म को, मिल जाएंगे राम।
अच्छे कर्मों से मिले, सबको अच्छा धाम ।।
कोलाहल से तो बढे, है मन का संताप।
धीरज से सब कुछ मिले, कर लो पूजा जाप।।
होता है विश्वास ही, जीवन का आधार ।
अपनों को ले साथ में, पार करो मझधार।।
लाठी डंडों से कभी, नहीं बनेंगे काम।
जीवो की रक्षा करो,पाजाओ आराम।।
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Wednesday, 14 August 2019
दोहे, " ध्वजा तिरंगा " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 15.8.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3428 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क