दिल की हसरत
दिल की हसरत है आज उनको तो मनाने की
उनकी आदत है सदा ही रूठ जाने की
तोड़कर दिल को तो वह जाते अक्सर
निभाई रीत है उनने तो अक्सर ही गिराने की
पौछ डाले हैं अब तो आंख के आंसू
उनकी आदत
है सदा ही रुलाने की
संभाल के हम सदा
कदम को रखते हैं
कोशिश वह किए हैं सदा गिराने की
दूर राधे से जाने की कोशिश ना करना
बात करती है रिश्तो को सदा निभाने की
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