Tuesday, 7 May 2019

दोहे, " भगवान् परशुराम " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल ")


भगवान्  परशुराम 

जिनको विष्णू के कहें. सब छट्टे  अवतार 
परशुराम के नाम से , उनको रहे पुकार 

शिवशंकर के भक्त थे , देव न्याय के माँ 
क्रोधित हो जिसने किया , गणपति का अपमान 

दांत तोड़ के रख दिया , गजानंद के हाथ 
जब कैलाश पर न मिला , शिव शंकर का साथ 

चौदह चीजें दान से , मिलता है वरदान 
चाहे सोना वस्त्र हो , चाहे कन्यादान 

तन मन शुद्धी के लिए , करते सब उपवास 
पूजा लक्ष्मी विष्णु की , पूरी करती आस 

 विष्णु को अच्छा लगे , हरदम पीला रंग 
दान भोज दे कर मना , पर्व स्वयं के ढंग 

सुना स्वर्ग से आई हैं , गंग धरा पे आज 
पूजा शादी से जुड़े , पूरे हो शुभ काज  

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