भगवान् परशुराम
जिनको विष्णू के कहें. सब छट्टे अवतार परशुराम के नाम से , उनको रहे पुकार शिवशंकर के भक्त थे , देव न्याय के माँ क्रोधित हो जिसने किया , गणपति का अपमान दांत तोड़ के रख दिया , गजानंद के हाथ जब कैलाश पर न मिला , शिव शंकर का साथ चौदह चीजें दान से , मिलता है वरदान चाहे सोना वस्त्र हो , चाहे कन्यादान तन मन शुद्धी के लिए , करते सब उपवास पूजा लक्ष्मी विष्णु की , पूरी करती आस विष्णु को अच्छा लगे , हरदम पीला रंग दान भोज दे कर मना , पर्व स्वयं के ढंग सुना स्वर्ग से आई हैं , गंग धरा पे आज पूजा शादी से जुड़े , पूरे हो शुभ काज |
Tuesday, 7 May 2019
दोहे, " भगवान् परशुराम " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल ")
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