Tuesday, 7 May 2019

गीत, "मेरी माँ" (राधा तिवारी "राधेगोपाल ")


मेरी माँ
जब मैं इस जग में आई तब घर में हुआ उजाला।
 बड़े प्यार से देखो मुझको मेरी माँ ने पाला।।
 मुझको कहती मेरी मम्मी अपना चांद सितारा।
 दिया सदा माता ने मुझको भरकर अमृत प्याला
बड़े प्यार से देखो मुझको मेरी माँ ने है पाला।।

 संतानों के देख दर्द को माँ के आंसू बहते।
 माँ के चरणों में है जन्नत सभी लोग यह कहते।।
 संतानों को पाल रही है देकर मधुर निवाला।
 बड़े प्यार से देखो मुझको मेरी मां ने है पाला।।

 बचपन मेरा सीचाँ  जिसने दूध पिला कर बड़ा किया।
करके प्यार और मनुहार पकड़ के उंगली खड़ा किया।।
 माता का दर्जा होता है जग मैं बहुत निराला।

 बड़े प्यार से देखो मुझको मेरी माँ ने है पाला।।

4 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (08-05-2019) को "मेधावी कितने विशिष्ट हैं" (चर्चा अंक-3329) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत सुन्दर गीत
    सादर

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  3. वाह राधा जी अगर बिटिया ने आपके लिए लिखा है तो उसका नाम लिखिये ना! ! बहुत प्यारी है भी बिटिया बिल्कुल आपके जैसी। दोनों के लिए मेरा हार्दिक स्नेह और शुभकामनाएं।

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  4. वाह बहुत ही सुंदर भावों भरा गीत वात्सल्य से सरोबार।

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