विदेशी रोग
डरी नहीं राधे कभी, देख
जगत हालात ।
चाहे कोई प्यार दे ,या
दे दे आघात।
छोड़ गया गर आपको, कोई
जग से दूर।
लेख भाग्य का जानकर, सोचे
आप जरूर ।
याद किसी को तो रखा, गए
किसी को भूल।
जीवन में सब हो रहा, सभी
समय अनुकूल।
सम्मानित वह सब हुए, जो
करते हैं काम ।
उनका कैसा मान है, जो
करते आराम।।
राज सभी पर कर रहा, एक
विदेशी रोग।
डरे डरे से हैं सभी, सकल
विश्व के लोग।।
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7.5.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3694 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
ReplyDeleteधन्यवाद