*चाँदनी, सूरज, इंतजार ,फुल, पत्थर*
इंतजार करने लगी, राधा किसका आज।
रात चाँदनी आ गई, अब तो आओ बाज।।
पत्थर दिल इंसान तो, क्या समझेगा प्रीत।
प्रेम प्रीत से ही सदा जीवन को तू जीत।।
उपवन में मेरे खिले, रंग-बिरंगे फूल।
मैंने प्रिय की राह से, हटा दिए सब शूल ।।
बेमौसम बरसात से,होना मत हलकान ।
सूरज से होती सदा, सबकी ही पहचान।।
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