Friday, 1 May 2020
कुंडलियाँ , समय " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),
समय
कहती हूँ मैं आपसे
,
बात पते की आज।
देख समय को कीजिए
,
अपने सारे काज।।
अपने सारे काज
,
समय बढ़ता ही जाए।
बैठ करे आराम
,
यहाँ वो कुछ न पाए।
कह "राधेगोपाल"
,
नदी तो हर पल बहती।
पल-पल का उपयोग
,
करो राधे है कहती।।
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