राष्ट्रप्रेम दिल में उठे, जिसके तो हर बार।
उसकी तो जय कर रहा, हरदम ही संसार।।
विकट घड़ी में भी नहीं, करता जो अभिमान।
उसका तो करते सभी, जीवन में सम्मान
कठिन डगर को देखकर, मत खोना तुम धीर।
हिम्मत से ही कर रहे, काम सफल रणवीर।।
बंद हुए सब धाम में,आया संकटकाल ।
साधु जल्दी बदल रहे,हैंअब अपनी चाल ।।
साफ सफाई का रखो,तुम तो हरदम ध्यान
भीड़-भाड़ से बच रहे, अब तो साधु सुजान।।
सूक्ष्मजीव कोरोना,आया कैसा रोग।
संकट में धरती पड़ी, विचलित सारे लोग ।।
कठिन राह को देखकर,मत रुक जाना आप।
संकट के तो काल में,करो राम का जाप।।
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Tuesday, 12 May 2020
दोहे , राष्ट्रप्रेम " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),
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