Tuesday, 5 May 2020

दोहे ,- *विज्ञात छंद*" ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),


- *विज्ञात छंद*

छंद नया पाकर हमें, मिली आज सौगात।
गुरु नमन है आपको, नाम हुआ विज्ञात।।1।।

लिखते हो नवगीत को, और बनाते गीत।
गाते सब नर नार हैं, देकर के संगीत।।2।।

मिले छंद को जगत में, सबका ही आशीष ।
करो कृपा संसार पर, हे जग के जगदीश।।3।।

छंद बने संसार का, मिले इसे वरदान ।
कौशिक जी विज्ञात को, मिले सदा ही मान।।4।।

नव अंकुर को आपका, मिला हमेशा प्यार।

दोहों में तुमको गढ़े, अब सारा संसार।।5।।

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