Tuesday, 24 March 2020

कुण्डलियाँ , " काजल " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


काजल (3)
Image result for आँख का काजल फोटो
काजल आँखों पर लगा, नैन रही मटकाय।
देख सजन को सामने, गोरी भी इठलाय।।
 गोरी भी इठलाय, झुका वो नैना बोले।
  मुस्काती वो आय, सजन सम्मुख वो डोले।
 कह राधे गोपाल, सजन को देखे हरपल।
 नैन रही मटकाय, लगाकर वो तो काजल।।


6 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ३० मार्च २०२० के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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  2. वाह!!बेहतरीन कुंडलियां !

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  3. अति सुंदर ,सादर नमन

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  4. प्रोत्साहन हेतु धन्यवाद जी

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