Monday, 2 March 2020
कुंडलियां , " डोली " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )
डोली
डोली में वो बैठके, जाती जब ससुराल।
सोचो बेटी के बिना, मात-पिता का हाल।।
मात-पिता का हाल, जगत के लोगों जानो।
भेज रहे परदेस,कलेजा अपना मानो।
कह राधे गोपाल, चमकती चुनर चोली।
जाती है ससुराल, सुता चढ़ करके डोली ।
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