Tuesday, 24 March 2020
कुण्डलियाँ , " गजरा " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),
गजरा
लेके गजरा हाथ में, साजन जी मुस्काय।
सजनी जी के बाल पे, पिन से वो अटकाय।।
पिन से वो अटकाय, करे वो बातें मन की।
सोनी सी हो नार,अरे मेरे जीवन की।
कह राधे गोपाल, लुभाओ कजरा देके।
जाओ साजन धाम, सदा तुम गजरा लेके।।
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